google-site-verification=5o-VBZ8ZG5D9BSuJqjXj8NShPiXLbNLpu-S0x1JCo-Q सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार:Supreme court ka kshetradhikar

सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार:Supreme court ka kshetradhikar



 नीचे सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार दिए गए हैं।

1.आरंभिक या मूल अधिकारिता:

●इसका उल्लेख अनुच्छेद 131 में है।
●यदि भारत सरकार और राज्य सरकार के मध्य विवाद हो जाये तो इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करता है।
●यदि दो या दो से अधिक राज्यों के मध्य विवाद हो जाये उनके वुवाद का निपटारा सुप्रीम कोर्ट करती है।
●भारत सरकार तथा एक तरफ दो या दो से अधिक राज्यो के मध्य विवाद का निपटारा भी सुप्रीम कोर्ट करती है।

नोट:सुप्रीम कोर्ट के न्याय क्षेत्र में निम्न समाहित नही हैं।

★अंतरास्ट्रीय जल विवाद
★वित्त आयोग के संदर्भ वाले मामले
★केंद्र व राज्य के बीच खर्चो व पेंशन का समझौता

2.रिट अधिकारिता

●अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट मूल अधिकारों की रक्षा हेतु 5प्रकार की रिटे जारी करती है।
1.बंदी प्रत्यक्षीकरण
2.परमादेश
3.प्रतिषेद
4.उत्प्रेक्षण
5.अधिकार प्राच्क्षा

●जनहित याचिकाये भी इसी क्षेत्र में आती हैं।

3.अपीलीय अधिकारिता

●सुप्रीम कोर्ट सिविल तथा सभी आपराधिक मामलो का अंतिम स्थान है

4.सलाहकारी अधिकारिता 

●अनुच्छेद143 के तहत राष्ट्रपति के मांगे जाने पर सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश सलाह देता है।लेकिन राष्ट्पति सलाह मानने के लिए बाध्य नही होता है

अनुच्छेद 139

●संसद सुप्रीम कोर्ट की रिट अधिकारिता का विस्तार करती है
★स्वतन्त्रता के पश्चात पहले मुख्य न्यायाधीश *हिरालाल जे कानिया* थे।
★वर्तमान में हमारे देश के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश N. V. रमणा हैं ,जो 48 वें no. के हैं


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