google-site-verification=5o-VBZ8ZG5D9BSuJqjXj8NShPiXLbNLpu-S0x1JCo-Q भारतीय नागरिकता- भाग 2 (अनुच्छेद 5 -11)

भारतीय नागरिकता- भाग 2 (अनुच्छेद 5 -11)

भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 ईस्वी के अनुसार निम्न में से किसी एक आधार पर नागरिकता प्राप्त की जा सकती है



  1. जन्म से :-प्रत्येक व्यक्ति जिसका जन्म संविधान लागू होने अर्थात 26 जून 1950 को, उसके पश्चात भारत में हुआ हो वह जन्म से भारत का नागरिक hoga।
2. वंश परंपरा द्वारा:- भारत के बाहर अन्य देश में सबसे जनवरी 1950 के पश्चात जन्म लेने वाले व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा। यदि उसके जन्म के समय उसके माता-पिता में से कोई भारत का नागरिक है।

Note-माता की नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्म लेने वाले को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा किया गया है।

3. देसी करण द्वारा नागरिकता:- भारत सरकार से देसी करण का प्रमाण पत्र प्राप्त कर भारत की नागरिकता प्राप्त की जा सकती है l

4. पंजीकरण द्वारा नागरिकता :-
निम्नलिखित वर्गों में आने वाले लोग पंजीकरण के द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं-

A. वह व्यक्ति जो पंजीकरण प्रार्थना पत्र देने की तिथि से 6 माह पूर्व से भारत में रह रहे हो।

B. वे भारती जो अविभाज्य भारत से बाहर किसी देश में निवास कर रहे हो।

C. वे स्त्रियां जो भारतीयों से विवाह कर चुकी है या भविष्य में विवाह करेंगे।

D. भारतीय नागरिकों के नाबालिक बच्चे।

E. राष्ट्रमंडल की देशों के नागरिक जो भारत में रह रहे हो या भारत सरकार की नौकरी कर रहे हो आवेदन पत्र देकर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।

5. भूमि विस्तार द्वारा:-
यदि किसी नए भूभाग को भारत में शामिल किया जाता है तो उसके निवास करने वाले व्यक्तियों को भारत की स्वता नागरिकता प्राप्त हो जाती है।


भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986:-
किस अधिनियम के आधार पर भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 ईस्वी में निम्न में संशोधन किए गए-

1. भारत में जन्मे केवल उस व्यक्ति को ही नागरिकता प्रदान की जाएगी जिसके माता-पिता में से एक भारत का नागरिक है

2. जो व्यक्ति पंजीकरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें अब भारत में कम से कम 5 वर्षों का निवास करना होगा पहले या अवधि 6 वर्ष थी।

3. देसी करण द्वारा नागरिकता तभी प्रदान की जाएगी जबकि, संबंधित व्यक्ति कम से कम 10 वर्षों तक भारत में रह चुका हो, पहले या अवधि 5 वर्ष थी, नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986 जम्मू कश्मीर का आसन सहित भारत के सभी राज्यों पर लागू होगा।

भारतीय नागरिकता का अंत-
भारतीय नागरिकता का अध्ययन प्रकाशित हो सकता है।

1. नागरिकता का परित्याग करने से।

2. किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार कर लेने से

3. सरकार द्वारा नागरिकता छीनने पर

जम्मू कश्मीर राज्य के विधान मंडल का निर्णय विषयों के संबंध में राज्य में स्थाई रूप से निवास करने वाले व्यक्तियों को अधिकार तथा विशेष अधिकार प्रदान करने की शक्ति प्रदान की गई है

1. राज्य के अधीन नियोजन के संबंध में

2. राज्य के अचल संपत्ति के अर्जन के संबंध में

3. राज्य में स्थाई रूप से बस जाने के संबंध में

4. छात्रवृत्ति अथवा इसी प्रकार की सहायता जो राज्य सरकार प्रदान करें


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